नयी दिल्ली। आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल में बीते 10 साल में 429 मानव तस्करों में से केवल तीन दोषी साबित हुए हैं। विभिन्न एनजीओ द्वारा 198 ऐसे मामलों के आरोप पत्र, प्राथमिकियों और पुलिस रोज़नामचा का किये गए अध्ययन में यह पाया गया है। यह अध्ययन आंध्र प्रदेश में एचईएलपी और पश्चिम बंगाल में गोरानबोस ग्राम बिकास केंद्र और पार्टनर्स फॉर एंटी-ट्रैफिकिंग (पीएटी) ने किया है जो समुदाय आधारित आठ संगठनों का संघ है। इसने पाया कि 68 मानव तस्करों को जमानत दी गई है और पांच आरोपियों से संबंधित जांच एक दशक से ज्यादा वक्त से चल रही है।